श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का कार्यकाल दिसंबर में होगा समाप्त, नए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद का तीन साल का कार्यकाल दिसंबर 2024 के दूसरे सप्ताह में समाप्त हो रहा है। इसके बाद धर्मार्थ कार्य विभाग नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया आरंभ करेगा।मौजूदा अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय को नौ दिसंबर 2021 को नियुक्त किया गया था। उनके साथ पं. दीपक मालवीय, पं. प्रसाद दीक्षित, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय और प्रो. के. वेंकटरमण घनपाठी को सदस्य बनाया गया था। इनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए तय किया गया था।विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा सदस्यों में से कुछ को दोबारा नामित किया जा सकता है। हालांकि, नए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न करने के निर्देश दिए गए हैं।2019 से नवंबर 2021 तक न्यास परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों के पद रिक्त थे, जो मंदिर के इतिहास में पहली बार हुआ था। दिसंबर 2021 में वर्तमान न्यास परिषद का गठन हुआ, जिसने पिछले तीन वर्षों में मंदिर के प्रबंधन को व्यवस्थित किया।मंदिर प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि चयन प्रक्रिया मंदिर की पारंपरिक गरिमा और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। परिषद के नए गठन के बाद मंदिर का संचालन पूर्ववत जारी रहेगा।ध्यान रहे कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी का प्रमुख धार्मिक स्थल है और इसके प्रबंधन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।