श्री काशी विश्वनाथ धाम में अन्नकूट पर्व भव्यता के साथ मनाया गया
वाराणसी, 02 नवंबर 2024 – श्री काशी विश्वनाथ धाम में आज अन्नकूट पर्व के अवसर पर विशेष आयोजन संपन्न हुआ। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है और भगवान कृष्ण द्वारा की गई गोवर्धन पूजा के स्मरण स्वरूप इसे विशेष महत्व प्राप्त है। इस पर्व का नाम “अन्नकूट” प्रचुर खाद्यान्न को दर्शाता है और इसका महत्व श्रद्धालुओं के लिए समृद्धि एवं अन्न सुरक्षा की प्रार्थना के रूप में है।
इस वर्ष अन्नकूट पर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव का विशेष श्रृंगार 14 क्विंटल मिष्ठान्न से किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ शामिल थीं। यह भव्य श्रृंगार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना।
अन्नकूट पर्व के दौरान भगवान शंकर, गौरी माता और गणेश जी की पंचबदन रजत चल प्रतिमा की महाआरती मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण ने आचार्य और शास्त्रियों के नेतृत्व में सम्पन्न की। भव्य डमरू वादन और पीएसी बैंड की ध्वनि के मध्य पंचबदन प्रतिमा की शोभायात्रा श्री सत्यनारायण मंदिर से गर्भगृह तक ले जाई गई और भगवान विश्वनाथ की मध्याह्न भोग आरती विधिविधान से संपन्न हुई।
भोग आरती के पश्चात श्री विश्वेश्वर महादेव को विशेष भोग अर्पित किया गया, जिसके उपरांत प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं में किया गया। अन्नकूट पर्व में भोग आरती और प्रसाद वितरण का विशेष महत्व है।
अन्नकूट पर्व न केवल पारंपरिक उत्सव है, बल्कि यह सनातन समाज में एकता, बंधुत्व भाव और दान की महत्ता का भी प्रतीक है। इस दिन, भक्तजन एकत्र होकर केवल आराधना ही नहीं करते, बल्कि पर्वोल्लास का सामूहिक आदान-प्रदान भी करते हैं। इस प्रकार का आयोजन सनातन समाज में परस्पर स्नेह, सहयोग और समृद्धि का संदेश देता है, जिससे हम सभी एक बृहद सनातन परिवार का हिस्सा बनते हैं